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राजधानी में अन्नदाता नें समस्याओं का ज्ञापन सौंपा


 

लखनऊ किसानों नें 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम ज्ञापन ज़िलाधिकारी को सौंपा।

किसानों का कहना है कि प्रदेश का अन्नदाता किसान आज भी अनेक कठिनाइयों से जूझ रहा है। कृषि लागत बढ़ने, उत्पादन मूल्य घटने, समय पर भुगतान न होने, प्राकृतिक आपदाओं और आवारा पशुओं के प्रकोप ने किसान को आर्थिक रूप से कमजोर बना दिया है। खेती अब घाटे का सौदा बनती जा रही है। किसान की मेहनत का उचित मूल्य और सम्मान उसे प्राप्त नहीं हो पा रहा।

अतः प्रदेश के किसानों की समस्याओं के स्थायी समाधान एवं जीवन स्तर सुधार के लिए निम्नलिखित 17 सूत्रीय माँगें प्रस्तुत की जा रही हैं। किसानों की 17 सूत्रीय प्रमुख माँगें-

 

गन्ना मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाए तथा बकाया भुगतान पर ब्याज सहित त्वरित भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

 

छोटे एवं सीमांत किसानों के सभी कृषि ऋण पूर्णतः माफ किए जाएँ।

 

स्मार्ट मीटर प्रणाली समाप्त की जाए और किसानों को मुफ्त या रियायती बिजली उपलब्ध कराई जाए।

 

आवारा पशुओं से फसल बचाव हेतु ठोस नीति बनाकर प्रभावी प्रबंधन किया जाए, प्रत्येक गाँव में गो-आश्रय स्थल सुचारू रूप से संचालित हों।

 

फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए, ताकि किसानों को वास्तविक और शीघ्र मुआवज़ा प्राप्त हो।

 

कृषि इनपुट (बीज, खाद, डीजल, कीटनाशक) पर टैक्स में छूट दी जाए ताकि उत्पादन लागत घटे।

 

कृषि उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा दिया जाए।

 

बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, कीट प्रकोप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में त्वरित राहत राशि एवं फसल क्षतिपूर्ति दी जाए।

 

किसान पेंशन योजना लागू की जाए ताकि वृद्ध किसानों को सामाजिक सुरक्षा मिल सके।

 

हर जिले में कृषि मंडी और भंडारण केंद्र स्थापित किए जाएँ, जिससे किसान को उपज का उचित मूल्य मिल सके।

 

डीजल और पेट्रोल पर कृषि उपयोग हेतु टैक्स माफ किया जाए।

 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये प्रति वर्ष की जाए।

 

भूमिहीन किसानों को खेती हेतु सरकारी भूमि पर दीर्घकालीन लीज़ दी जाए।

 

हर जनपद में कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएँ, ताकि किसान नई तकनीक से जुड़ सकें।

 

किसानों एवं आंदोलनरत व्यक्तियों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए जाएँ।

 

कृषि आधारित उद्योगों और प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा दिया जाए ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो।

 

किसान संगठनों से नियमित संवाद की व्यवस्था की जाए और नीति निर्माण में किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

 

उपरोक्त माँगें प्रदेश के लाखों किसानों की भावना और आवश्यकताओं की प्रतिनिधि हैं। यदि इन पर समयबद्ध कार्यवाही की जाए तो निश्चित रूप से प्रदेश का किसान आत्मनिर्भर बन सकेगा और कृषि प्रदेश की अर्थव्यवस्था का सशक्त स्तंभ सिद्ध होगी।

आपसे अनुरोध है कि इन माँगों पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेकर किसानों को राहत प्रदान करने की कृपा करें ।

ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौपा गया। आज के कार्यक्रम मे प्रमुख रूप से आलोक वर्मा जिला अध्यक्ष ,गणेश शंकर प्रदेश महासचिव , सुनील शुक्ला वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष, सरदार दिलराज सिंह मध्यांचल उपाध्यक्ष, आशीष यादव जिला महासचिव, मोहम्मद इमरान महानगर अध्यक्ष, मोहम्मद वसीम मुन्ना जिला उपाध्यक्ष ,जिला महिला महासचिव मोनिका यादव, ब्लॉक अध्यक्ष काकोरी श्याम बिहारी, ब्लॉक अध्यक्ष मोहनलालगंज शिवम कश्यप, जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ,वरिष्ठ मंडल उपाध्यक्ष सुरेंद्र वर्मा ,जिला संरक्षक किशोरी लाल पटेल ,युवा जिला अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ, मंडल महामंत्री अजय तिवारी ,मंडल सचिव कप्तान सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष चिनहट अयोध्या रावत , सीमा आदि सहित सैकड़ो किसान उपस्थित रहे।

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